महात्मा बुद्ध एक क्रान्तिकारी और सुधारवादी आंदोलन के एक शांतिदूत थे
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई .पूर्व वैशाख पूर्णिमा को हुआ था। आज विश्व के कोने-कोने में वैशाख पूर्णिमा के शुभ अवसर को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता हैं और जिस पीपल वृक्ष के नीचे उन्हें कठिन तपस्या कर बोधिसत्व प्राप्त हुआ था उसका रोपण भी वैशाख पूर्णिमा को हुआ था। सिद्धार्थ के रूप में भगवान गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के समीप लुम्बिनी नामक स्थान पर राजा शुद्धोधन के यहां हुआ। पिता शाक्य वंश के क्षत्रिय राजा शुद्धोधन और माता कौशल वंश की राजकुमारी महामाया थी। बचपन में माता की मृत्यु होने पर उनका लालन -पालन विमाता गौतमी ने किया। ज्योतिषियों के अनुसार -'-बालक सिद्धार्थ यदि चक्रवती सम्राट नहीं बन पाया तो सन्यासी हो जाएगा। 'राजा शुद्धोधन ने भोग-विलास के वातावरण में रखते हुए मात्र 18 वर्ष की किशोरावस्था में अत्यंत रूपसी राजकन्या यशोधरा से उनका विवाह कर दिया। एक पुत्र हुआ जिसका नाम राहुल अर्थात बंधन रखा गया। पर विधि का विधान जीवन को मोहमाया मानते हुए 21 वर्ष की युवावस्था में ज्ञान की खोज में आधी रात को पत्नी-बच्चे को सोता हुआ छोड़कर महल से निकल...